आज हम आपके साथ Pyasa kauwa ki kahani शेयर करने वाले है | एक बार की बात है एक प्यासा कौवा था जिससे बोहोत ज्यादा प्यास लगी थी |
वो पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था पर उसको कही भी पानी नहीं मिला उसका बुरा हाल हो रहा था क्युकी उसको पानी नहीं मिल रहा था
पर फिर भी उसने फिर भी हिम्मत नहीं आ रही और Urta ही गया क्युकी उसको खुद पर विश्वास था की कही न कही से उसको पानी मिल ही जायेगा |
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Pyasa kauwa ki kahani
उरते उरते उसको एक मटका दिखा और वो मटके के पास गया जहा पानी बोहोत कम था
ऐसे में उसका पानी पीना पॉसिबल नहीं था क्युकी पानी मटके के बोहोत निचे था और वह तक वो अपना मुंह भी नहीं पंहुचा सकता था |
उसने सोचा क्यों न क्युकी न मटके के अंदर छोटे पत्थर डाल दिए जाये |
वो ढूंढ़कर लाया और उसने मटके के अंदर डालने सुरु करदिये | उसका ये आईडिया काम आया पानी निचे से ऊपर आ गया और kauwa ने पानी पीकर अपनी प्यास को भुजाया |
Moral : इस कहानी से हमे ये Sikh मिलती है की हमे कभी भी हार नहीं माननी चाहिये हर सिचुएशन में |